Friday, February 23, 2007

बेख़ुदी

रंजिशें इश्क का दुसरा नाम है
सिर्फ़ दिवानगी इश्के-अंजाम है

आज फ़िरसे तुम्हें हमने देखा है
आज फ़िर शब-ए-गम आपके नाम है

कह सके जिसको अपना, मेरा इश्क है
संगे-दिलसे तेरे हमको क्या काम है

आज हमने किये ज़ाम ख़ाली मगर
आजसे बेख़ुदी होशका नाम है

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