ये चीज़ही ऎसी है के कुछ कह नही सकते
कहते है ना पीयेंगे मगर रह नही सकते
रौशन है उनके इश्कसे दिले-शीशा-ए-महल
चाहें भी अगर वो तो कहीं छुप नही सकते
वो चल दिये, हमने उन्हे रोका नही मगर
वो जानते है, हम उनके बीना रह नही सकते
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